नई कर प्रणाली में मिला तोहफ़ा, ₹17,500 तक की बचत, टैक्सेबल इनकम पर सिर्फ़ 5 फ़ीसदी इनकम टैक्स
अभी तक सिर्फ़ ₹6 लाख रुपये तक की आय पर 5 फ़ीसदी टैक्स देना होता था, और ₹6 लाख से ₹9 लाख तक की आय पर 10 फ़ीसदी टैक्स चुकाना होता था, लेकिन अब ₹7 लाख तक करयोग्य आय, यानी टैक्सेबल इनकम पर सिर्फ़ 5 फ़ीसदी इनकम टैक्स देना होगा.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार (23 जुलाई) को केंद्रीय बजट 2024 पेश किया। इसी साल अंतरिम बजट में वित्त मंत्री ने वर्षों से लंबित बकाया प्रत्यक्ष कर की मांगों (डिमांड नोटिस) को वापस लेने का फैसला किया था। इस बार केंद्र सरकार ने इनकम टैक्स की नई व्यवस्था चुनने वालों को तोहफ़ा दिया है. अब ₹7 लाख तक करयोग्य आय, यानी टैक्सेबल इनकम पर सिर्फ़ 5 फ़ीसदी इनकम टैक्स देना होगा. इससे पहले तक सिर्फ़ ₹6 लाख रुपये तक की आय पर 5 फ़ीसदी टैक्स देना होता था, और ₹6 लाख से ₹9 लाख तक की आय पर 10 फ़ीसदी टैक्स चुकाना होता था. इसके अलावा, नई टैक्स रिजीम, यानी NTR चुनने वाले करदाताओं के लिए मानक कटौती, यानी Standard Deduction को भी ₹50,000 से बड़ाकर ₹75,000 कर दिया गया है.
केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट 2024-25 पेश करते हुए नई टैक्स स्लैब की घोषणा की. अब NTR के तहत इनकम टैक्स का कैलकुलेशन करने वाले करदाताओं को शून्य से ₹3 लाख तक की आय पर पुहले की ही तरह कोई टैक्स नहीं देना होगा. ₹3 लाख से ₹7 लाख तक की आय़ पर 5 फ़ीसदी टैक्स लगेगा, ₹7 लाख से ₹10 लाख तक की आय पर 10 फ़ीसदी टैक्स चुकाना होगा, ₹10 लाख से ₹12 लाख तक की आय पर 15 फ़ीसदी टैक्स लगेगा, ₹12 लाख से ₹15 लाख तक की आमदनी पर 20 फ़ीसदी टैक्स देना होगा, और ₹15 लाख से ज़्यादा की कमाई पर पहले की ही तरह 30 फ़ीसदी इनकम टैक्स देना होगा.
मानक कटौती में बढ़ोतरी की इस घोषणा की बदौलत नई टैक्स रिजीम के तहत कर चुकाने वाले किसी भी करदाता की टैक्सेबल इनकम में से ₹25,000 रुपये कम हो जाएंगे, जिसकी बदौलत उसे स्वास्थ्य एवं शिक्षा उपकर सहित ₹1,300 कम इनकम टैक्स चुकाना होगा. इसके अलावा, स्लैब में बदलाव के चलते भी करदाता को ₹1 लाख की आय पर 10% के स्थान पर 5% इनकम टैक्स देना होगा, जिसके चलते उसे स्वास्थ्य एवं शिक्षा उपकर सहित ₹5,200 कम इनकम टैक्स चुकाना होगा.