चिकित्सा क्षेत्र में सराहनीय कार्य रहे हैं कोरोना वाॅरियर डॉ.एम. हसनैन

चिकित्सा क्षेत्र में सराहनीय कार्य रहे हैं कोरोना वाॅरियर डॉ.एम. हसनैन

रांची। वैश्विक महामारी कोविड-19 से बचाव के मद्देनजर पूरे देश में लागू लॉकडाउन के दौरान चिकित्सक पूरी शिद्दत से कोरोना वाॅरियर्स के रूप में अपनी सेवाएं देने में डटे रहे। ऐसी ही कोरोना वॉरियर्स की टीम में शामिल चिकित्सकों में एक हैं राजधानी स्थित पुराना लोवाडीह चौक निवासी डॉ.एम. हसनैन। जब रांची शहर में कोरोना संक्रमण परवान पर था, लॉकडाउन के कारण लोग घरों से नहीं निकल पा रहे थे, वैसी स्थिति में भी डॉ.हसनैन विशेषकर मुस्लिम बहुल क्षेत्र में चिकित्सा के माध्यम से लोगों की सेवा में जुटे रहे। पीड़ित मानवता की सेवा करना डॉ. हसनैन की दिनचर्या में शुमार है। गरीबों, बेसहारा लोगों की निःशुल्क चिकित्सा के साथ ही जरूरतमंदों को मुफ्त में दवाइयां वितरण करना, विभिन्न संगठनों और संस्थाओं द्वारा निःशुल्क चिकित्सा शिविर के आयोजन में बतौर चिकित्सक शामिल होना उनकी विशेषता है। कोरोना संक्रमण काल के दौरान ही डाॅ.हसनैन की माता का देहावसान हो गया। वैसी स्थिति में भी वह विचलित नहीं हुए। मां के श्राद्धकर्म संपन्न होते ही फिर से कोरोना योद्धा के रूप में लोगों की सेवा में जुट गए। डॉ. हसनैन मूल रूप से बिहार के छपरा जिला मुख्यालय के निवासी हैं। उनके पिताजी फौज से सेवानिवृत्त हुए। डॉ. हसनैन की प्रारंभिक शिक्षा छपरा में हुई। मांझी स्थित दलन सिंह हाई स्कूल से उन्होंने मैट्रिक के परीक्षा पास की। तत्पश्चात राजेंद्र कॉलेज, छपरा से स्नातक की डिग्री हासिल की। इसके बाद कटिहार मेडिकल कॉलेज में उन्होंने दाखिला लिया। वर्ष 2002 में एमबीबीएस की डिग्री लेकर वे पासआउट हुए। तत्पश्चात बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग में चयनित हुए। पूर्णिया जिलांतर्गत गेराबाड़ी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में बतौर मेडिकल ऑफिसर कार्य किया। वहां एक वर्ष कार्य करने के बाद डॉ. हसनैन अरब देश मस्कट और दुबई की यात्रा की। विदेशों में लगभग तीन साल रहे और चिकित्सा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया। वहां से वर्ष 2006 में वह अपने पैतृक आवास छपरा वापस आ गए। इसके बाद रांची में रहने वाले अपने बड़े भाई की सलाह पर रांची आ गये। यहां चिकित्सा के क्षेत्र में उनका उत्कृष्ट योगदान लोगों के बीच चर्चित होने लगा। वह फिलवक्त रांची के महिलौंग स्थित बहुराष्ट्रीय कंपनी इंडीकाॅम में मेडिकल ऑफिसर के पद पर कार्यरत हैं। इस दौरान डॉ. हसनैन राजधानी से सटे रांची-खूंटी मार्ग पर सुदूरवर्ती गांव हजाम में बुनियादी सुविधाओं से वंचित लोगों की सेवाएं भी की। राइन हेल्थ केयर सेंटर, लेक रोड, रांची में भी बतौर चिकित्सक उन्होंने अपनी सेवाएं दी। फिलवक्त डॉ. हसनैन राजधानी के चर्च रोड इलाके के नाजिर अली लेन स्थित लाइफलाइन मेडिकल सेंटर में बतौर कंसल्टेंट फिजिशियन अपनी सेवाएं दे रहे हैं। डॉ.हसनैन की एक पुत्री हैं, जो शहर के प्रतिष्ठित स्कूल बिशप वेस्टकाॅट में अध्यनरत है। वहीं, उनकी पत्नी छपरा स्थित सदर अस्पताल में बतौर स्वास्थकर्मी कार्यरत हैं। डॉ. हसनैन पीड़ित मानवता के सेवार्थ समर्पित शख्सियत के रूप में भी जाने जाते हैं। गरीबों, पीड़ितों की सेवा करना और जरूरतमंदों को हर संभव सहयोग करना उनकी आदत में शुमार है। कोरोना संक्रमण काल के दौरान उन्होंने ऐसे क्षेत्रों में जाकर भी अपनी सेवाएं दी, मास्क,सैनिटाइजर आदि बांटे, लोगों को जागरूक करने में जुटे रहे, जिस क्षेत्र में लोग जाने से कतराते थे। जनता के प्रति अपने संदेश में डॉ.हसनैन कहते हैं कि कोरोना से बचाव का सबसे आसान और सुलभ तरीका है सतर्कता और सावधानी बरतना। वह कहते हैं कि सतर्कता बरतने से ही कोरोना रोग से बचाव संभव है। इसके लिए लोगों को व्यापक रूप से जागरूक होना भी जरूरी है। वह कहते हैं कि अभी भी कोरोना संक्रमण का खतरा पूरी तरह टला नहीं है। लोगों को सावधान रहने की जरूरत है। उन्होंने चिकित्सा क्षेत्र सहित अन्य क्षेत्रों के समाजसेवियों और स्वयंसेवी संस्थाओं से कोरोना संक्रमण काल के दौरान लोगों को लगातार जागरूक करते रहने की अपील की।