‘द इन्विज़िबल मैन’: एक रहस्यमयी शख़्स जिसकी मौजूदगी ही थी मौत का संकेत।

ज़रा कल्पना कीजिए कि आप अपने घर में रोज़मर्रा की रूटीन में उलझे हुए हैं और अचानक आपको अपने घर के किसी अंधेरे कोने में किसी की मौजूदगी महसूस होती है, जो आप ही को देख रहा है।

‘द इन्विज़िबल मैन’: एक रहस्यमयी शख़्स जिसकी मौजूदगी ही थी मौत का संकेत।

‘द इन्विज़िबल मैन’: जब डिटेक्टिव बूमराह के सामने आया एक रहस्यमयी शख़्स जिसकी मौजूदगी ही थी मौत का संकेत।

कभी-कभी ऐसा भी होता है कि जो कुछ आज हमारे सामने घट रहा होता है, उसका संबंध अतीत से होता है। और ऐसे में जवाब तलाशने के लिए एक अलग नज़रिया जरूरी हो जाता है। कहानीकार सुधांशु राय की नई स्टोबरी सीरीज़ – ‘द इन्विज़िबल मैन’ दर्शकों को रहस्या-रोमांच से भरपूर एक ऐसे ही सफर पर ले जाती है। यह कहानी क्वात्रा नाम के एक गाँव की है, जो चट्टानी पर्वतमालाओं के बीच बसा है और वहाँ एक रहस्यकमयी काली झील भी है। रहस्यस-रोमांच से भरपूर इस कहानी को और भी दिलचस्प् बनाने के लिए आ रहे हैं डिटेक्टिव बूमराह जो ‘द इन्विज़िबल मैन’ के रहस्य पर से पर्दा उठाएंगे।
दर्शकों के बीच आ चुकी है कहानीकार सुधांशु राय की नवीनतम कहानी – ‘द इन्विज़िबल मैन’।
ज़रा कल्पना कीजिए कि आप अपने घर में रोज़मर्रा की रूटीन में उलझे हुए हैं और अचानक आपको अपने घर के किसी अंधेरे कोने में किसी की मौजूदगी महसूस होती है, जो आप ही को देख रहा है। ऐसे में आप क्याप करेंगे? क्वात्रा के निवासियों के साथ ऐसे ही कुछ अनुभव हो रहे हैं। क्वात्रा गांव शहरों की भीड़-भाड़ से दूर बसा है लेकिन अब इस अजनबी की मौजूदगी ने गांव वालों को हिला कर रख दिया है| इस आकृति को अक्स-र लंबी काली पोशाक धारण किए हुए और कंधे पर एक रस्सीव लटकाए हुए देखा गया है, और इसके हाथ में एक लकड़ी की छड़ी भी होती है। जो भी इंसान इस रहस्यमयी आकृति से अवगत होता है, वह अगले ही दिन या तो गायब हो जाता है या फिर आत्म हत्या कर लेता है।

कहानीकार सुधांशु राय द्वारा जारी सीरीज़ के पहले दो भागों में इस अदृश्य इंसान ने अपनी मौजूदगी दर्ज कराने के लिए कई डरावने और खतरनाक दिखने वाले तौर-तरीकों का इस्ते माल किया है और तभी से गांव वाले खुद को सुरक्षित रखने के उपाय सोचने में लगे हैं। लेकिन एक-एक कर गांव के कई लोगों का सामना इस बदकिस्म त मंज़र से होता रहता है। आखिर कैसे चुनता है यह अदृश्यन इंसान अपना शिकार और उसका असल उद्देश्यब क्या है?

कहानीकार अपने दिलचस्प अंदाज़ में इस कहानी को बयान करते हुए श्रोताओं को क्वात्रा गांव ले जाते हैं, और उनकी शैली इतनी खास है कि आप इस कहानी को सुनते हुए गांव वालों के मन में घर कर चुके डर तक को महसूस कर सकते हैं। आखिरकार‍ डिटेक्टिव बूमराह के आने से उम्मीरद की किरण दिखायी देती है जो सच्चाहई का पता लगाने के लिए गांव जाने का फैसला करते हैं। लेकिन क्या खुद बूमराह को अंदाज़ा है कि वह किस खतरे से खेल रहे हैं? कहीं इस ‘इन्विज़िबल मैन’ की गुत्थीज सुलझाने के चक्कखर में उनकी खुद की जिंदगी तो खतरे में नहीं पड़ जाएगी?

बूमराह अपने दौर के बेहद लोकप्रिय जासूसी किरदार हैं जिनसे लोग बेपनाह मौहब्बगत करते हैं और उन्हेंक यकीन है कि बूमराह हर पेचीदे मामले को सुलझाने की कुव्वकत रखते हैं। बूमराह उन पारंपरिक जासूसों से काफी अलग हैं जिनसे हम पहले भी मिल चुके हैं, और इसी तरह उनकी शैली भी औरों से बिलकुल अलग है। तो क्‍या आप डिटेक्टिव बूमराह के साथ ‘द इन्विज़िबल मैन’ के रहस्यै पर से पर्दा उठाने के लिए तैयार हैं?