निजी स्कूलों में नर्सरी से पांचवीं कक्षा तक आॅनलाइन क्लासेस पर लगे रोक : राकेश कुमार सिंह
रांची। झारखंड राज्य उपभोक्ता संरक्षण परिषद के सदस्य व शहर के जाने-माने सामाजिक कार्यकर्ता राकेश कुमार सिंह ने प्राइवेट स्कूलों में नर्सरी से पांचवीं कक्षा तक आॅनलाइन क्लासेस पर रोक लगाने की मांग की है। श्री सिंह ने कहा कि ऑनलाइन क्लासेस के नाम पर निजी स्कूल प्रबंधन अभिभावकों का शोषण कर रहे हैं। वैश्विक महामारी कोरोना से बचाव के मद्देनजर किए गए देशव्यापी लॉकडाउन की अवधि का शिक्षण शुल्क जमा करने का स्कूल प्रबंधकों द्वारा अभिभावकों पर लगातार दबाव बनाया जा रहा है। इस संबंध में अभिभावकों के विभिन्न संगठनों की ओर से किए गए अनुरोध और तमाम सरकारी प्रयासों व दिशा-निर्देशों को दरकिनार करते हुए निजी स्कूलों के संचालक अपनी मनमानी कर रहे हैं। उन्होंने झारखंड सरकार से निजी शैक्षणिक संस्थानों द्वारा किए जा रहे शोषण पर अविलंब रोक लगाने की मांग की है। श्री सिंह ने कहा है कि जिस प्रकार कर्नाटका सरकार ने सभी प्राइवेट स्कूलों में प्रारंभिक कक्षा से लेकर पांचवी तक ऑनलाइन क्लासेस पर रोक लगा दी है, उसी प्रकार झारखंड में भी आदेश जारी किया जाय। कर्नाटका सरकार द्वारा छठी से लेकर 12वीं कक्षा तक ऑनलाइन क्लासेस की अनुमति दी गई है। उन्होंने कहा कि नर्सरी से कक्षा पांचवी तक ऑनलाइन क्लासेस का कोई औचित्य नहीं है। निजी स्कूलों द्वारा अभिभावकों का महज आइवाश किया जा रहा है। निजी स्कूल प्रबंधन के इस रवैये से खासकर मध्यमवर्गीय अभिभावक परेशान हैं। अधिकतर अभिभावक प्राइवेट नौकरी करते हैं,उनकी तनख्वाह कम कर दी गई है। लाॅकडाउन में फैक्ट्री, प्रतिष्ठान आदि बंद रहने की वजह से मध्यमवर्गीय और निम्न आय वर्ग के लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में यदि निजी स्कूल प्रबंधन द्वारा अभिभावकों के हितों का ध्यान रखते हुए लाॅकडाउन की अवधि का शिक्षण शुल्क माफ करने का निर्णय लिया जाता है, तो उन्हें काफी राहत मिलेगी। उन्होंने सरकार से मांग की है कि निजी स्कूलों में नर्सरी से लेकर पांचवीं कक्षा तक ऑनलाइन क्लासेस, ऑनलाइन परीक्षा, ऑनलाइन टेस्ट लेने पर रोक लगाई जाए। साथ ही लाॅकडाउन की अवधि का शिक्षण शुल्क माफ करने संबंधी दिशा-निर्देश जारी किया जाय।