पीएमकेवीवाई के तीसरे चरण का शुभारम्भ

युवाओं के कौशल विकास में राज्य सरकार की भी होगी सहभागिता

पीएमकेवीवाई के तीसरे चरण का शुभारम्भ

रांची : कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय ने स्किल इंडिया मिशन की ‘फ्लैगशिप योजना’ प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तीसरे चरण (पीएमकेवीवाई 3.0) का शुभारंभ कर दिया है। पीएमकेवीवाई 3.0 में जिला कौशल समीतियों को जोड़कर एक नई पहल की शुरूआत की गई है। इस योजना के तीसरे चरण का उद्देश्य जिला कौशल समीतियों को मजबूत एवं सशक्त बनाना है। पीएमकेवीवाई 3.0 “वन नेशन, वन स्कीम” की दृष्टि से एक अग्रणी योजना है। इस योजना के अन्तर्गत 37 सेक्टर्स में 300 से अधिक पाठ्यक्रमों का एक प्रस्तावित पूल बनाया गया है।
पीएमकेवीवाई 3.0 योजना की शुरुआत कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्री डॉ. महेन्द्र नाथ पांडेय की उपस्थिति में हुई। इस कार्यक्रम में कौशल विकास और उद्यमशीलता राज्य मंत्री आरके सिंह, उत्तर प्रदेश के कौशल राज्य मंत्री कपिल देव अग्रवाल, हरियाणा के कौशल राज्य मंत्री मूल चंद्र शर्मा, राष्ट्रीय कौशल विकास निगम के अध्यक्ष और एल एंड टी के ग्रुप चेयरमैन एएम नाईक, एनएसडीसी के मैनेजिंग डाइरेक्टर एवं सीईओ मनीष कुमार, मंत्रालय के सचिव प्रवीण कुमार सहित अन्य गणमान्य मौजूद थे।
मौके पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्री डॉ. महेन्द्र नाथ पांडेय ने कहा “युवाओं को अगर सही मार्गदर्शन मिले, प्रशिक्षण मिले तो युवा अपने-अपने क्षेत्रों में महारथ हासिल करने में कामयब होंगे। यदि हमारे युवा कुशल बनकर बाहर काम करेंगे, उद्योग लगाएंगे तो देश की ग्रोथ बढ़ेगी, भारत के उद्योगों को एक नई ऊंचाई मिलेगी। यह प्रधानमंत्री की दूरदर्शिता का परिणाम है कि आज स्किल इंडिया मिशन द्वारा हम तेजी से भारत को विश्व की कौशल राजधानी बनाने की ओर अग्रसर हो रहे हैं।
डॉ. पांडेय ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त किया।
लॉन्च कार्यक्रम में माननीय कौशल राज्य मंत्री आरके सिंह ने राज्य सरकारों से निवेदन किया कि उद्योगों की मांग के आधार पर युवाओं को कौशल प्रशिक्षण प्रदान किया जाए।
उल्लेखनीय है कि पीएमकेवीवाई 3.0 योजना का लक्ष्य वित्त-वर्ष 2020-2021 में 8 लाख से अधिक उम्मीदवारों को लाभान्वित करना है। योजना के अंतर्गत मौजूदा कार्यबल की उत्पादकता को बढ़ाने और युवाओं की स्किलिंग, अप-स्किलिंग और री-स्किलिंग पर अधिक ध्यान केंद्रित किया जाएगा। प्रत्येक प्रमाणित अभ्यर्थी को 2 लाख रुपये का 3 वर्षीय आकस्मिक बीमा (कौशल बीमा) भी दिया जाएगा। इस योजना में सभी अभ्यर्थियों को कौशल भारत मिशन के तहत एनसीवीईटी से प्रमाणन भी मिलेगा।
पीएमकेवीवाई 3.0 में सांसद (एमपी) की भी महत्वपूर्ण भूमिका होगी। सांसदों के ऊपर मॉनिटरिंग और मेंटरिंग का उत्तरदायित्व है। अब संसदीय क्षेत्र के विकास के साथ-साथ युवाओं के कौशल विकास की भी एक नई जिम्मेदारी मिली है।