जेकेसीए में कथित अनियमितताओं से जुड़े मामले में प्रवर्तन निदेशालय के समक्ष पेश हुए फारुक अब्दुल्ला

जेकेसीए में कथित अनियमितताओं से जुड़े मामले में प्रवर्तन निदेशालय के समक्ष पेश हुए फारुक अब्दुल्ला

श्रीनगर : प्रवर्तन निदेशालय के समक्ष पेश होने के बाद नेशनल कांफ्रेंस प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने सोमवार को कहा कि वह इस तरह की किसी भी कार्रवाई से चिंतित नहीं है। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री जम्मू कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन में कथित अनियमितताओं से जुड़े एक मामले में ईडी के समक्ष पेश हुए थे।

बता दें कि जम्मू कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन में कथित 112 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मामला काफी पुराना है। इसकी जांच का जिम्मा जम्मू कश्मीर पुलिस को दिया गया था, लेकिन बाद में कोर्ट ने इसे सीबीआई को सौंप दिया। वहीं, मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ने के बाद इसकी जांच में ईडी भी शामिल हुई।  

वहीं, ईडी की पूछताछ को लेकर फारूक अब्दुल्ला के बेटे उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट कर कहा, नेशनल कॉन्फ्रेंस शीघ्र ही ईडी समन को लेकर जवाब देगी। यह गुपकार समझौते के लिए हुए अलायंस के गठन को लेकर राजनीतिक प्रतिशोध के लिए की जा रही है। बताना चाहता हूं कि डॉ साहब के आवास पर छापा नहीं मारा जा रहा है। 
 

क्या है मामला

बीसीसीआई ने 2002 से 2011 के बीच जम्मू कश्मीर में क्रिकेट सुविधाओं के विकास के लिए 112 करोड़ रुपये दिए थे, लेकिन आरोप है कि इस राशि में से 43.69 करोड़ रुपये का गबन किया गया है। मामले को लेकर रणजी ट्राफी कोच और सेलेक्टर व कश्मीर के क्रिकेट खिलाड़ी माजिद अहमद ने 2015 में जम्मू कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन (जेकेसीए) घोटाले को लेकर हाईकोर्ट में पीआईएल फाइल की थी।

इसके बाद हाईकोर्ट ने सीबीआई को केस की जांच करने के आदेश दिए। सीबीआई ने आदेश के बाद मामला दर्ज किया। सीबीआई ने जांच कर जेकेसीए अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्ला, मोहम्मद सलीम खान (महासचिव), एहसान अहमद मिर्जा (खजांची) और बशीर अहमद मिसगर (बैंक में एग्जीक्यूटिव) के खिलाफ षड्यंत्र और विश्वास के आपराधिक उल्लंघन के आरोप लगाते हुए अदालत में चार्जशीट दायर की थी। करीब 8 हजार पन्नों की चार्जशीट में धारा 120-बी, 406 और 409 के तहत आरोप लगाए गए हैं। हालांकि अब्दुल्ला और उनके बेटे उमर अब्दुल्ला ने आरोपों को खारिज किया है।