पटवा टोली का सूती खादी गमछा: परंपरा और फैशन का नया संगम

पटवा टोली का सूती खादी गमछा: परंपरा और फैशन का नया संगम

पटवा टोली का सूती खादी गमछा: परंपरा और फैशन का नया संगम

मानपुर (गया) । जदयू जिला अध्यक्ष (व्यवसाय एवं उद्योग प्रकोष्ठ) श्री प्रकाश राम पटवा ने कहा कि गया जिले के मानपुर स्थित पटवा टोली में निर्मित सूती कटान गमछा अब केवल एक पारंपरिक वस्त्र नहीं, बल्कि आधुनिक फैशन का भी महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है। इसकी हल्की, मुलायम और सांस लेने योग्य बनावट इसे गर्मियों के लिए आदर्श बनाती है, जिसकी मांग देशभर में तेजी से बढ़ रही है। स्थानीय कारीगर पारंपरिक स्वदेशी तकनीकों और पावरलूम की मदद से इन गमछों का निर्माण करते हैं। यह पहल न केवल आत्मनिर्भर भारत को मजबूत करती है, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को संबल और स्थानीय बुनकरों को रोजगार भी प्रदान कर रही है।
₹40 से ₹100 तक की कीमत में उपलब्ध ये रंग-बिरंगे और फैशनेबल गमछे पारंपरिकता के साथ आधुनिक पहनावे से भी मेल खाते हैं। प्रकाश पटवा ने कहा, "पटवा टोली का गमछा हमारे कारीगरों की मेहनत और भारतीय संस्कृति की अमूल्य विरासत का प्रतीक है।" स्नान या दैनिक उपयोग में इसकी मुलायम बनावट ताजगी और सफाई का सुखद अनुभव कराती है। पटवा टोली का गमछा, सचमुच परंपरा और आधुनिकता का जीवंत संगम है — एक ओर संस्कृति का दर्पण, दूसरी ओर फैशन का नया आयाम।