झारखंड आंदोलनकारियों को सरकार सम्मान दे अन्यथा 11 सितंबर को झारखंड बंद : पुष्कर महतो
50 हजार रुपया सम्मान पेंशन राशि देने के लिए संघर्ष तेज करने का संकल्प
रांची: झारखंड आंदोलनकारियों ने संकल्प सभा का आयोजन किया। इसके माध्यम से आंदोलनकारियों ने कहा कि झारखंड अलग राज्य का गठन भ्रष्टाचार से मुक्ति ,अनियमिता से मुक्ति, शोषण ,दमन अन्याय, अत्याचार से मुक्ति व विकास तथा जन कल्याण के लिए हुआ है। राज्य बनने के 23 वर्षों के पश्चात भी झारखंड आंदोलनकारियों को राजकीय मान -सम्मान, अलग पहचान रोजी रोजगार नियोजन की 100 प्रतिशत गारंटी एवं सम्मान पेंशन राशि 50-50 हजार रुपया नहीं दिए जाने से उनकी सामाजिक , आर्थिक ,शारीरिक स्थितियां नाजुक है।
झारखंडी पहचान अस्मिता एवं अस्तित्व के संकट खड़े हुए हैं। हमारे डेमोग्राफी बदलते जा रहे हैं। झारखंडियों के सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक अलग पहचान तथा झारखंड अलग राज्य एवं संवैधानिक अधिकारों के मूल्यों की रक्षा हेतु हमारी प्रमुख मांगे इस प्रकार हैं :
- झारखंड अलग राज्य के आंदोलनकारियों को 15 अगस्त ,15 नवंबर एवं 26 जनवरी को राजकीय मान- सम्मान से सम्मानित करना सुनिश्चित किया जाए।
- जेल जाने की बाध्यता को समाप्त करते हुए सभी झारखंड आंदोलनकारी को अलग पहचान
- रोजी रोजगार नियोजन की 100 प्रतिशत गारंटी
- सम्मान पेंशन राशि 50-50 हजार रुपया दिया जाए।
- किसानों को ऑनलाइन रसीद काटने की दिशा में प्राथमिकता के साथ कर मैन्युअल ऑफलाइन सुलभ सुविधा दिए जाएं।
- प्रत्येक किसान को 10 -10 हजार रु. प्रत्येक माह पेंशन दिया जाए।
- किसानों को खेत- खेत तक पानी मिले।
- समता जजमेंट के तहत 26 परसेंट रॉयल्टी का अधिकार प्रत्येक झारखंडी जनता / आदिवासियों को दिया जाए।
- राज्य में सीएनटी /एसपीटी एक्ट, पांचवी अनुसूचित क्षेत्र, पेसा कानून, धारा 39(b ) का अनुपालन हो , धारा 3 ( ए) का पालन हो, हमारी परंपरा, व्यवस्था ,माय- माटी के संवैधानिक मूल्यों का सख्ती के साथ रक्षा हो।
- भू-अर्जन अधिनियम का सख्ती से पालन करते हुए डेढ़ से 2 करोड़ विस्थापित - पलायन हुए झारखंडी जनमानस को मुआवजा ,पुनर्वास, रोजी- रोजगार एवं नियोजन की गारंटी दी जाए।
- विशेष कर बोकारो स्टील सिटी प्लांट , एचइसी, टाटा, सीसीएल, रेलवे स्टेशन- क्वार्टरों, बीसीसीएल , इसीएल, मसानजोर, डीवीसी, चांडिल डैम, पीटीपीएस, मैथन डैम ,मंडल डैम सहित विभिन्न योजनाओं- परियोजनाओं एवं खनिज उत्खनन क्षेत्र से हुए विस्थापित- पलायन एवं अकाल मृत्यु को प्राप्त हुए लोगों के आश्रितों व परिवारों, किसानो को मुआवजा, पुनर्वास एवं रोजी- रोजगार एवं नियोजन की गारंटी की जाए। सरकार फौरन विस्थापन आयोग का गठन करें।
- 18 जनवरी 2013 सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अवमानना करते हुए स्वर्गीय कैलाशपति मिश्र की प्रतिमा स्थापित किए गए हैं। तुरंत हटाया जाए और संवैधानिक मर्यादा को स्थापित किया जाए। हाई कोर्ट एवं सरकार इसे संज्ञान में ले।
- स्थानीय लोगों को आजीविका के संवैधानिक अधिकारों के अनुरूप रोजी रोजगार एवं नियोजन का पूर्ण अधिकार दिया जाए। बाहरी वेंडेरों को रोका जाए। इसमें झारखंड आंदोलनकारियों को प्राथमिकता दिया जाए।
- सामाजिक सुरक्षा पेंशन यथा विधवा पेंशन व विकलांग पेंशन समय पर लोगों को 3-3 हजार रु दिया जाए। रसोईया संयोजिका व सहायिकाओं को न्यूनतम मजदूरी के तुल्य मानदेय का भुगतान मिले।
मौके पर मुख्य वक्ता झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा के संस्थापक एवं प्रधान सचिव पुष्कर महतो ने कहा कि सरकार का संकल्प है एवं जांच अधिनियम 1952 के तहत प्रत्येक झारखंड आंदोलनकारियों को राजकीय मान सम्मान अलग पहचान व सम्मान पेंशन देना है। राज्य सरकार झारखंड आंदोलनकारियों को जेल जाने की बाध्यता समाप्त करते हुए सभी को सम्मान पेंशन राशि 50-50 हजार रु दे एवं आंदोलनकारियों के पुत्र - पुत्रियों व आश्रितों को रोजी रोजगार एवं नियोजन की गारंटी सौ फीसद करें। आंदोलनकारियों के मान सम्मान से ही सरकार का सम्मान एवं झारखंड की अपनी पहचान है। झारखंड आंदोलनकारियों ने संकल्प लिया है अपनी पहचान के सवाल पर मिटना पसंद करेंगे। 20 अगस्त को मुख्यमंत्री को मांग पत्र सौंपा जाएगा।
इस मौके पर केंद्रीय उपाध्यक्ष जितेंद्र सिंह कुशवाहा महबूब आलम इम्तियाज़ खान दानपुर रोजलीन तिर्की ,सरोजिनी कच्छप, नेहा नवनीता, सीमा देवी, भुवनेश्वर केवट,
प्रवीन मेहता गोवर्धन हसदा कार्तिक महथा राजदेव महथा, पंकज कुमार मंडल, राहमान खान,ठाकुर महतो, मनबोध महतो,मसकल्याण, आनंद सिंह राजेश्वर दास, शंभू कुमार, रामचंद्र राणा , सीताराम उराव, इंद्रदेव उराव, सुजात टोप्पो ,जुबेर अंसारी, चंद्र धन मेहता, अली हसन अंसारी ,सतीश कुमार, विकेश शुक्ला, चंद्रधन सिंह चेरो,
भरदुल भुइयां, सीपीआई नेता राजेंद्र यादव, राज्य सचिव महिंद्रा प्रसाद व अजय सिंह, किंकर चौहान, गोपाल गुप्ता, ड्रा राम नाथ मेहता, प्रमोद सोनी, जे के झा, राजेंद्र दांगी, अनिता पाहन,मुद्रिका सिंह, जटाधारी साहू, रामनंदन साहू, सुभाष सिंह, आनंद महतो, मनबोध महतो सहित अन्य उपस्थित थे।