विजय केसरी को 'राष्ट्रीय गौरव सम्मान' से सम्मानित किया गया
स्वाधीनता सेनानियों के संघर्ष पर लिखना एक सार्थक पहल - बटेश्वर प्रसाद मेहता
'संविधान सभा दिवस सप्ताह' सह राजेंद्र प्रसाद की जयंती पर 'झारखंड स्वतंत्रता सेनानी विचार मंच' के तत्वाधान में स्थानीय स्वर्ण जयंती पार्क में आयोजित एक समारोह में स्तंभकार विजय केसरी को देश के स्वाधीनता सेनानियों के संघर्ष और सामाजिक नवजागरण के निमित्त उत्कृष्ट लेखन के लिए 'राष्ट्रीय गौरव सम्मान' प्रदान कर सम्मानित किया। इस अवसर पर मंच के प्रदेश अध्यक्ष बटेश्वर प्रसाद मेहता एवं प्रदेश सचिव अजीम अंसारी ने विजय केसरी को अंग वस्त्र, प्रशस्ति पत्र और और प्रतीक चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता शिक्षाविद के.सी मेहरोत्रा एवं संचालन वीरेंद्र जायसवाल ने किया ।
विजय केसरी बीते 48 वर्षों से लगातार देश के स्वाधीनता सेनानियों के संघर्ष की गाथा एवं सामाजिक नवजागरण हेतु उत्कृष्ट लेखन करते आ रहे हैं। अब तक इनका देश विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में लगभग पंद्रह सौ से अधिक आलेख प्रकाशित हो चुके हैं। इसके साथ ही देश की कई प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में पच्चास के लगभग कहानियां और समीक्षाएं प्रकाशित भी प्रकाशित हो चुकी हैं । उन्होंने दो पुस्तकों का संपादन भी किया है।
इस अवसर पर झारखंड स्वतंत्रता सेनानी विचार मंच के प्रदेश अध्यक्ष बटेश्वर प्रसाद मेहता ने कहा कि केसरी जी के उत्कृष्ट लेखन से नई पीढ़ी के लोग स्वाधीनता सेनानीयों के संघर्ष की गाथा को पढ़ कर आजादी के संघर्ष के महत्व को समझ रहें हैं। यह देश की एकता और अखंडता के लिए एक सार्थक पहल है।
अध्यक्षता करते हुए शिक्षाविद के.सी. मेहरोत्रा ने कहा कि विजय केसरी की लेखकीय साधना निश्चित तौर पर सराहनीय है । ये अपना काम करते हुए लेखन के क्षेत्र में जो कुछ किया है,समाज के लिए अनुकरणीय।
स्तंभकार विजय केसरी ने कहा कि भारत के स्वाधीनता सेनानियों का संपूर्ण जीवन त्याग और बलिदान से ओतप्रोत था। उन सबों के जीवन से सीख लेने की जरूरत है।
आयोजित सम्मान समारोह डॉ वीणा अखौरी, संजय खत्री, ब्रजनंदन प्रसाद, सतीश होर्रा, अशोक प्रसाद, अखिलेश सिंह, इंद्र सोनी, जे.पी. गुप्ता, सुरेंद्र गुप्ता, मिथुन राणा, अजीत कुमार,गोपी कृष्ण सहाय,उषा सहाय, सहित काफी संख्या में नगर के गणमान्य लोग सम्मिलित हुए। धन्यवाद ज्ञापन संजय खत्री ने किया।
