कांग्रेस भवन में मनाई गई स्व.कार्तिक उरांव की जयंती

वक्ताओं ने कहा, अविस्मरणीय है जनहित में समर्पित शख्सियत का राजनीतिक सफर

कांग्रेस भवन में मनाई गई स्व.कार्तिक उरांव की जयंती

रांची। झारखंड में कांग्रेस को मजबूती देने वाले पूर्व केन्द्रीय मंत्री कार्तिक उरांव की जयंती पर गुरुवार को प्रदेश कांग्रेस भवन में उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी गयी। झारखंड प्रदेश प्रोफेशनल कांग्रेस कमेटी द्वारा आयोजित कार्तिक उरांव जयंती समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित प्रदेश अध्यक्ष सह राज्य के वित्त तथा खाद्य आपूर्ति मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का उदघाटन किया और उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। समारोह की अध्यक्षता प्रदेश प्रोफेशनल कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष आदित्य विक्रम जायसवाल ने किया, जबकि प्रदेश कांग्रेस कमिटी के प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे, लाल किशोर नाथ शाहदेव, डाॅ. राजेश गुप्ता छोटू विशिष्ट अतिथि के रुप में उपस्थित थे।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डाॅ. रामेश्वर उरांव ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि यह उनके लिए सौभाग्य की बात है कि उन्हें कार्तिक बाबू का सानिध्य प्राप्त करने का मौका मिला। जब वे यूपीएससी और प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कर रहे थे, तब कई मौके पर उन्हें दिल्ली स्थित कार्तिक उरांव के आवास पर जाने का अवसर मिलता था। वे हमेशा कहते थे कि जनप्रतिनिधियों और सेवा कार्य में लगे अधिकारियों को क्षेत्र में जाकर लोगों की समस्याएं सुननी चाहिए, तभी उनका समुचित समाधान संभव है। वे अक्सर अपने लोगों को पत्र भी लिखते रहते थे, इसी कारण जब भी वे गांव और अपने क्षेत्र में जाते थे, तो लोगों से यह सुनने को मिलता था कि कार्तिक बाबू का पत्र उन्हें मिला है। उन्होंने कहा कि एक अभियंता और राजनेता के रूप में कार्तिक बाबू ने ईमानदारीपूर्वक काम किया। एकीकृत बिहार में कांग्रेस संगठन को मजबूती प्रदान करने और खासकर झारखंड जैसे आदिवासी बाहुल इलाकों में पार्टी संगठन को मजबूत करने में उनका बड़ा योगदान रहा।
इस मौके पर प्रोफेशनल कांग्रेस अध्यक्ष आदित्य विक्रम जयसवाल ने कहा एक छोटे से गांव से निकलकर देश प्रेम और राज्य प्रेम ने उन्हें राजनीति में लाया। कार्तिक बाबू ने आदिवासी समूह की वेदना को राष्ट्रव्यापी मंच प्रदान करते हुए अखिल भारतीय आदिवासी परिषद की नींव रखी। इतना ही नहीं 1976 में कांग्रेसी शासन के वक्त जब इंदिरा गांधी ने आदिवासी समूह की जमीन वापस करने हेतु कानून लाने की घोषणा की, जिसमें आदिवासी समाज सदैव सशक्त बने इस संदर्भ में स्व. कार्तिक उरांव ने आदिवासी समूह को राष्ट्रीय स्तर पर एकजुट किया।
मौके पर प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे ने कहा कि लोहरदगा संसदीय क्षेत्र से तीन बार सांसद निर्वाचित और केंद्र सरकार में मंत्री रहे कार्तिक उरांव की सादगी और समाज के प्रति समर्पण को आज भी याद करते हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी संगठन के प्रति उनके योगदान को भी कभी नहीं भुलाया जा सकता है। कार्तिक बाबू ने एक लोकतांत्रिक देश के सजग नागरिक होने के नाते अपने अधिकार और कर्तव्य से अनभिज्ञ जनजाति समाज को लोकतांत्रिक भागीदार बनाने के उद्देश्य से छोटानागपुर संताल परगना क्षेत्रीय कांग्रेस कमेटी का गठन कराया और उसके अध्यक्ष के रूप में उसकी स्वायत्तता के लिए जीवन भी संघर्षशील रहे। उन्होंने कहा कि आदिवासी गरीब और लाचार लोगों पर हो रहे अत्याचार और शोषण से मुक्ति दिलाने, निर्दाषों को न्याय दिलाने में के लिए उन्होंने पटना उच्च न्यायालय का रांची बेंच स्थापित कराने में भी महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। कार्तिक बाबू के प्रयास से ही रांची में बिरसा कृषि विश्वविद्यालय की स्थापना हुई।
पद्मश्री मुकुन्द नायक ने कहा कि अपने व्यक्तित्व के माध्यम से आदिवासी समाज की सांस्कृतिक परंपरा को उजागर किया।
कार्यक्रम का संचालन कर रहे प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता लाल किशोरनाथ शाहदेव ने कहा कि कार्तिक बाबू ने अपने सार्वजनिक जीवन में अनेक उतार-चढ़ाव देखे। बात वर्ष 1977 की है, लोकसभा चुनाव में सफलता नहीं मिलने पर कार्तिक बाबू के समक्ष रहने के लिए आवास की विकट समस्या खड़ी हो गयी। उन्होंने पहले ही अपने पैतृक मकान को अपने भाईयों के बीच बांट दिया था और अब तक संसद सदस्य के रूप में सरकारी आवास ही रह रहे थे। उनके पास निजी संपत्ति के नाम पर एक झोपड़ी भी नहीं थी।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता डाॅ. राजेश गुप्ता छोटू ने कहा एक विश्वविख्याल अभियंता जो दस वर्षां तक तक सांसद भी रहा हो, अपने जीवनकाल में एक घर भी नहीं बना सके।
रांची जिला प्रोफेशनल कांग्रेस के अध्यक्ष अभिनव बख्शी ने बताया कि जिस साल वे लोकसभा चुनाव हार गये थे, उसी वर्ष जून 1977 में बिहार विधानसभा चुनाव और वे बिशुनपुर विधानसभा क्षेत्र से भारी मतों से विजयी हुए। जनवरी 1980 में देश में मध्यावधि चुनाव हुआ, कार्तिक बाबू फिर से लोहरदगा से चुनाव जीते और इंदिरा गांधी सरकार में पहले पर्यटन तथा नागरिक उड्डयन राज्यमंत्री बने, बाद में उन्होंने संचार राज्यमंत्री का भी पदभार संभाला।
इस मौके पर पद्मश्री मुकुंद नायक, जल पुरुष पद्मश्री सिमोन उरांव, कत्थक और लोक नृत्य कलाकर विपुल नायक, प्रयास हमारा संस्था के संस्थापक अजीत टोप्पो,अंतरराष्ट्रीय एथलीट पुष्पा हस्सा, छऊ नृत्य व मांदर के विख्यात कलाकार मनपुरण नायक, मर्यादा गंभीर संस्था की ख्याति मुंजाल को शॉल,सर्टिफिकेट और बुके देकर सम्मानित किया गया। सभी अतिथियों ने अपने संबोधन में कार्तिक उरांव के जीवन दर्शन पर प्रकाश डाला एवं मुकुन्द नायक तथा मनपुरण नायक ने संगीत भी प्रस्तुत किया।
जयंती समारोह में निरंजन पासवान, भुवनेश ठाकुर,ख्यांति मुंजाल, अमरजीत कुमार, फिरोज रिजवी मुन्ना, देवजीत देवघरिया, जितेन्द्र त्रिवेदी, सोनी नायक, राखी कौर, आसिफ जियाउल, अभिषेक मानव, श्रवण जैन, श्रेयाल जैन, राहुल राय, गोपाल पाण्डेय, आयुष अग्रवाल, वसीम अकरम, कृष्णा वर्मा, नावेद आलम, कृष्णा सहाय, राजीव चौरसिया, इरफान, राहुल राय, प्रेम कुमार, गौरव आनंद उपस्थित थे।