पीड़ित मानवता की सेवा में समर्पित हैं तुषार कांति शीट
रांची- मानव सेवा सबसे बड़ा धर्म है। पीड़ित मानवता की सेवा करने से सुखद अनुभूति होती है। गरीबों और जरूरतमंदों की सेवा सबसे उत्कृष्ट मानव सेवा है। उक्त बातें राजधानी के निवारणपुर मुहल्ला निवासी लोकप्रिय सामाजिक कार्यकर्ता व श्रीरामकृष्ण सेवा संघ के सहायक सचिव तुषार कांति शीट ने कही। उन्होंने देशपत्र से खास बातचीत में कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना से बचाव के लिए किए गए देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान खासकर गरीबों,बेघरों और बेसहारों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इसे देखते हुए उन्होंने अपने सहयोगियों संग गरीबों को चिन्हित कर उनके बीच राहत सामग्री मुहैया कराने का निर्णय लिया। शहर के विभिन्न जगहों पर गरीबों को खाद्यान्न सहित अन्य जरूरी सामग्री उपलब्ध कराई। श्री शीट ने कहा कि पीड़ित मानवता की सेवा सर्वोत्कृष्ट मानव सेवा है। इस दिशा में सभी नागरिकों को सहभागिता निभाने की आवश्यकता है। श्री शीट लाॅकडाउन के दौरान पीड़ितों की सेवा में निरंतर जुटे हैं। इंसान तो इंसान, उन्होंने बेजुबान जानवरों को भी निवाला देने के प्रति अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभाई। लाॅकडाउन के दौरान सड़कों पर और गली-मोहल्लों में लावारिस घूमते कुत्ते, बकरियों, गाय और बैलों को वे निवाला देते रहे। बेजुबान जानवरों की कुलबुलाती अंतड़ियों का आर्तनाद सुनकर श्री शीट उन जानवरों को भोजन कराने में भी जुटे रहे। सुबह-शाम नियमित रूप से लावारिस कुत्तों और अन्य जानवरों को भोजन मुहैया कराना उनकी दिनचर्या में शुमार है। लाॅकडाउन के दौरान गरीबों और जरूरतमंदों की सेवा करने में पूरे शिद्दत से जुटे हुए हैं। वैश्विक आपदा के समय कोरोना के खिलाफ जंग में एक जांबाज योद्धा के रूप में श्री शीट अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभा रहे हैं। लाॅकडाउन में मानव सेवा के प्रति उनके उत्कृष्ट कार्यों को देखते हुए अखिल भारतीय स्तर की संस्था पीस जस्टिस ह्यूमैनिटी एंड रिलीफ फाउंडेशन, संत सुरक्षा मिशन, सीएसआर टाइम्स एंड इंडियन एचीवर्स फोरम की ओर से उन्हें कोरोना वॉरियर्स के सम्मान से नवाजा गया है। श्री शीट कहते हैं कि अपने लिए तो हर कोई जीता है। पारिवारिक जिम्मेदारियों को बखूबी निभाते हुए देश और समाज के लिए भी समय निकाल कर परोपकार की भावना से काम करें, तो महानता है।