चाँदचौरा चौक का नाम महारानी अहिल्याबाई होल्कर चौक कर दिया जाना एक अति स्वागतयोग्य कदम है- डॉ रश्मि
अमरेन्द्र कुमार सिंह
गया। विष्णुपद मंदिर की जीर्णोद्धारिका महारानी अहिल्याबाई होल्कर की 297वीं जयंती के सुअवसर पर शहर के चाँदचौरा चौक का नाम बदलकर महारानी अहिल्याबाई होल्कर चौक रख देने पर अंतरराष्ट्रीय हिन्दू परिषद की सहयोगी शाखा ओजस्विनी की जिलाध्यक्षा डॉ रश्मि प्रियदर्शनी सहित ओजस्विनी की महामंत्री शिल्पा साहनी, जिलामंत्री अमीषा भारती, डॉ ज्योति प्रिया, मोनिका मेहता, प्रतिज्ञा, इतिहर्ष, रिया, अर्पणा, शिल्पी, सोनाली आदि सभी ओजस्विनियों ने हार्दिक खुशी जताई है तथा इसे नारीशक्ति को यथोचित सम्मान दिये जाने की दिशा में उठाया गया प्रणम्य तथा स्वागतयोग्य कदम बताया है। ओजस्विनी अध्यक्षा डॉ रश्मि ने कहा कि महारानी अहिल्याबाई सभी महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। उन्हें दिया गया सम्मान समस्त स्त्री जाति का सम्मान है। उन्होंने कहा कि साधारण होना सबसे अधिक असाधारण है। इसी सत्य की जीती- जागती प्रतिमूर्ति रह चुकीं महारानी अहिल्याबाई होल्कर के उपकारों को गयाजी ही नहीं, अपितु पूरा भारतवर्ष कभी भी नहीं भूल सकता। दुःख और सुख जीवन के दो पहलू हैं। सुख में तो सभी मुस्कुराते हैं, मनुष्य की कुशलता तो तब है, जब वह दुःख के क्षणों को भी मुस्कुराहट के साथ देश, दुनिया और समाज की निःस्वार्थ सेवा करते हुए गुज़ार दे। वास्तव में, स्वार्थ की जगह परमार्थ के लिए जीना ही वास्तव में जीवन जीना है। माता अहिल्याबाई का गौरवशाली व्यक्तित्व ऐसा ही था। वैधव्यावस्था तथा संतान शोक को दरकिनार करके अपने जीवन को जनकल्याण हेतु समर्पित करने वाली वीरांगनाएँ महारानी अहिल्याबाई के समान ही अपने पीछे एक स्वर्णिम इतिहास छोड़ जाती हैं। शहर के प्रतिष्ठित चाँदचौरा चौक का नया नामकरण अहिल्याबाई होल्कर चौक कर दिया जाना गयावासियों की ओर से प्रजावत्सला माता अहिल्याबाई के ऋण से उऋण होने का एक छोटा सा ही सही, मगर अति सराहनीय कदम है। इस पहल की सफलता से संलग्न गया नगर निगम तथा अहिल्याबाई होल्कर विचार मंच के सभी प्रतिनिधि, अधिकारी एवं सदस्यगण धन्यवाद के पात्र हैं।