फर्जी चीफ़ जस्टिस मामले में बेऊर जेल में बंद अभिषेक ने जेल से ही ADG और गृह सचिव बनकर अफसरों को धमकाया, मोबाइल बरामद
जेल पदाधिकारियों को फोन से धौंस दिखाया और खुद के लिए सभी तरह की सुविधाएं देने का निर्देश दिया।
पटना:
बिहार के अपराधियों का भी जवाब नहीं है। फर्जी चीफ जस्टिस बनकर बिहार के डीजीपी को एसएसपी की पैरवी के लिए फोन करने वाला जालसाज़ अभिषेक अग्रवाल फ़िलहाल बेऊर जेल में बंद है। लेकिन जेल में रहते हुए भी अभिषेक अग्रवाल ने ऐसा कारनामा कर दिखाया है जिससे पुलिस और जेल प्रशासन में खलबली मच गई है।
क्या है पूरा मामला:
दरअसल पटना के बेउर सेंट्रल जेल में बंद अभिषेक अग्रवाल ने फर्जी एडीजी और फर्जी केंद्रीय गृह सचिव बन कर जेल पदाधिकारियों को फोन कर रौब जमाते हुए खुद के लिए सभी तरह की सुविधाएं देने का निर्देश दिया।
लेकिन जेल के अधिकारियों ने उसकी आवाज पकड़ ली। मंगलवार को उसके वार्ड में छापा मारा गया तो 4G मोबाइल फोन भी बरामद किया गया है। जेल प्रशासन ने सख्ती बरतते हुए उसे 14 दिनों के लिए सेल में डाल दिया है।
जेल सूत्रों के हवाले से यह जानकारी मिली है कि शातिर अभिषेक अग्रवाल जेल प्रशासन पर अपना रौब दिखाता था और कहता था कि उसने ही पूर्व जेलर रामानुज कुमार को निलंबित करवाया है। पटना के एसएसपी राजीव मिश्रा ने इस पूरे घटनाक्रम की जानकारी देते हुए बताया कि अभिषेक अग्रवाल के पास से जब्त मोबाइल के आधार पर उसको नामजद अभियुक्त बनाते हुए बेउर जेल में एक प्राथमिकी दर्ज कर दी गई है।