बजट आम जन के हित में नहीं : सुबोधकांत सहाय
आदिवासी-पिछड़े समुदाय सहित मध्यमवर्गीय परिवार का भी ख्याल बजट में नहीं रखा गया है।
रांची:
कांग्रेस के कद्दावर नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने केंद्र सरकार द्वारा पेश किए गए बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि बजट आमजन के हित में नहीं है। घोर निराशाजनक बजट है। इससे आमजन को कोई फायदा होने वाला नहीं है। उन्होंने कहा कि पिछले साल केंद्र सरकार द्वारा पेश किए गए बजट की तुलना में इस वर्ष ग्रामीण विकास, मनरेगा, कृषि-पशुपालन सहित अन्य कई क्षेत्रों में कटौती की गई है। बजट न तो किसानों के हित में है, न ही नौजवानों के हित में। आदिवासी-पिछड़े समुदाय सहित मध्यमवर्गीय परिवार का भी ख्याल बजट में नहीं रखा गया है। यह सिर्फ पूंजीपतियों के लिए फायदे का बजट है। इसे कॉरपोरेट बजट ही कहा जा सकता है।उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार एक एक कर सार्वजनिक उपक्रमों का निजीकरण कर रही है। आमजन से जुड़ा हुआ सार्वजनिक संस्थान एलआईसी का भी निजीकरण करने की दिशा में केंद्र सरकार ने कदम बढ़ाया है। मोदी सरकार का यह कदम जनविरोधी है। उन्होंने कहा कि आयकर सीमा में कोई रियायत नहीं दिया जाना, विस्थापन और पलायन रोकने में सहायक मनरेगा सहित अन्य योजनाओं की बजट राशि में कटौती किया जाना जनहित में नहीं कहा जा सकता है।
उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर पूरे बजट का आकलन किया जाए तो यह घोर निराशाजनक और आमजन के हित में नहीं है। केंद्र सरकार ने कोरोना का बहाना बनाकर आम आदमी के लिए बजट में कुछ भी विशेष प्रावधान नहीं किया है। उन्होंने कहा कि कई राज्यों में चुनाव के मद्देनजर जनता आशान्वित थी कि केंद्र सरकार का बजट आमजन के हित में होगा, लेकिन जनता को निराशा ही हाथ लगी।