बालू से अवैध कमाई करने वाले MVI एवं CO पर EOU ने कसा शिकंजा

अवैध बालू कारोबार में कई IPS, BPS, थानाध्यक्ष के घर हो चुकी है रेड।

बालू से अवैध कमाई करने वाले MVI एवं CO पर EOU ने कसा शिकंजा

पटना: 

बालू माफियाओं से साठगांठ कर अवैध वसूली करने वाले पटना के तत्कालीन MVI एवं बिक्रम के तत्कालीन CO वकील प्रसाद सिंह के कई ठिकाने पर आर्थिक अपराध इकाई ने बिहार से लेकर झारखंड तक रेड किया हैं । MVI के पास आय से अधिक 531 प्रतिशत एवं CO के पास आय से अधिक 84 प्रतिशत अधिक सम्पत्ति के सबूत मिला हैं । बालू माफिया से जुड़कर अवैध रूपये वसूली करने वाले लोक सेवकों के खिलाफ आर्थिक अपराध इकाई लगातार कार्रवाई कर रही हैं । स्वयं अपर पुलिस महानिदेशक नैय्यर हसनैन खां ,प्रत्येक कार्रवाई की समीक्षा करते हैं और आगे का आदेश देते हैं । इसी क्रम में मंगलवार को EOU की टीम ने बिहार से लेकर झारखंड तक रेड किया हैं । पटना के तत्कालीन MVI मृत्युंजय कुमार सिंह पटना ,गोला रोड स्थित आर के सदन अपार्टमेंट ,औरंगाबाद के गोह स्थित गोलापर पैतृक निवास,  झारखंड के रांची स्थित साले के दो अपार्टमेंट में एक साथ रेड हुआ ।इसमें तत्कालीन MVI के पास आय से अधिक 531 % अवैध सम्पत्ति के सबूत मिले है।   इधर EOU की दूसरी टीम ने बिक्रम के तत्कालीन CO वकील प्रसाद सिंह के पटना एवं रोहतास स्थित ठिकाने पर रेड किया ।इनके पास से आय से अधिक  84 % अधिक अवैध सम्पत्ति के सबूत मिला हैं । कोर्ट से सर्च वारंट प्राप्त होने के बाद अपर पुलिस महानिदेशक नैय्यर हसनैन खां के आदेश पर EOU की 8 टीमों ने एक साथ तत्कालीन MVI एवं तत्कालीन CO के ठिकाने पर रेड डाला हैं । इससे पहले बालू माफियाओं से जुड़े IPS, DSP, SDO, DTO, थानाध्यक्ष आदी दर्जनों के ठिकाने पर रेड हो चुकी हैं ।

तत्कालीन MVI मृत्युंजय कुमार सिंह एवं CO वकील प्रसाद सिंह ने भ्रष्टाचार से अर्जित किया अकूत सम्पत्ति

बिहार के परिवहन विभाग में भ्रष्टाचार सिर चढ़कर बोल रहा है। चहेते घोटालेबाजों को बचाने की लाख कोशिश के बाद भी परिवहन के कई अफसर भ्रष्टाचार में नपे हैं। हाल ही में पटना के तत्कालीन DTO पर कार्रवाई हुई थी। अब एक और बड़े ताकतवर और विभाग के चहेते मोटरयान निरीक्षक पर कार्रवाई की गई है। आर्थिक अपराध इकाई ने परिवहन विभाग के चहेते MVI पर नकेल कसा है। EOU ने बालू से मलाई खाने में संलिप्तता के बाद आरोपी मृत्युंजय कुमार सिंह के खिलाफ आय से 500 गुणा अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोप में केस दर्ज किया है। इसके बाद पटना ,रांची समेत तीन ठिकानों पर छापेमारी कर रही है। MVI मृत्युंजय कुमार सिंह पर परिवहन विभाग की लंबे समय से कृपा बरस रही थी। सेटिंग इतनी तगड़ी थी कि पटना से मनचाही जगह गया में पोस्टिंग की गई। फिर उसे परिवहन मुख्यालय का अतिरिक्त प्रभार देकर सप्ताह में तीन दिन पटना बुला लिया गया। जबकि पटना में तीन MVI थे। लेकिन आर्थिक अपराध इकाई की सख्ती से विभाग की एक न चली और दोनों जगहों से हटा कर वेटिंग फॉर पोस्टिंग रखना पड़ा।   

आखिर आरोपी MVI पर कृपा कैसे बरस रही थी जानें……

परिवहन विभाग ने तीन साल पहले 22 जून 2018 को 21 मोटरयान निरीक्षकों का स्थानांतरण-अतिरिक्त प्रभार देने का आदेश जारी किया था। विभाग के उस आदेश में 19 वें नंबर पर MVI मृत्युंजय कुमार सिंह का नाम था। जिन्हें रोहतास से स्थानांतरण कर पटना पदस्थापित किया गया। इसके साथ ही परिवहन विभाग ने अपने कार्यों के अतिरिक्त परिवहन मुख्यालय में प्रतिनियुक्ति का आदेश जारी किया। विभाग के आदेश पर MVI ने तीन सालों तक पटना जिला और परिवहन मुख्यालय का काम देखा। तीन साल की अवधि पूरी होने के बाद परिवहन विभाग ने 30 जून 2021 को MVI के स्थानांतरण का दूसरा आदेश जारी किया। विभाग के नये आदेश में खास MVI पर फिर से कृपा बरसाई गई। इस बार चहेते MVI को पटना जिला से स्थानांतरित कर गया पदस्थापन किया गया। इसके साथ ही लगे हाथ पटना परिवहन मुख्यालय का अतिरिक्त प्रभार दे दिया।

अब आप समझ गये होंगे कि खेल क्या है……..

दरअसल चहेते MVI को किसी कीमत  पर पटना से बाहर नहीं जाने देना था। लिहाजा फिर से मुख्यालय का अतिरिक्त प्रभार दे दिया गया। 2018 में पटना के MVI पद पर पदस्थापना के साथ ही MVI मृत्युंजय कुमार सिंह को पटना मुख्यालय का प्रभार दिया गया था। इस आधार पर कि इसे पटना जिला पदस्थापित किया गया। 2021 में उस सरकारी सेवक का स्थानांतरण गया जिला किया जाता है। लेकिन इस बार पटना वाले MVI को मुख्यालय का प्रभार नहीं दिया गया फिर से उन्हीं को ( जिसे पटना से गया में पदस्थापित किया गया था ) पटना मुख्यालय का प्रभार दे दिया गया। हालांकि परिवहन विभाग से सेटिंग कर MVI मृत्युंजय ने फिर से पटना मुख्यालय का प्रभार जरूर ले लिया। लेकिन वो अधिक दिनों तक बने नहीं रहे। जुलाई महीने में ही बालू कांड होने के बाद उन्हें हटा दिया गया और वेटिंग फॉर पोस्टिंग रखा गया है। अब तो EOU आय से अधिक संपत्ति केस में मंगलवार को छापेमारी की है। इसमें अब निलंबित होना तय है।