बेटे की चाह में गर्भवती पत्नी का पेट फाड़ डाला, पति को उम्रक़ैद

पहले से पाँच बेटियों का हैवान बाप अपनी गर्भवती पत्नी का पेट यह जाँचने के लिये फाड़ डाला कि फिर कहीं बेटी तो नहीं।

बेटे की चाह में गर्भवती पत्नी का पेट फाड़ डाला, पति को उम्रक़ैद

बदायूं:

उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले से एक खौफनाक मामला सामने आया है. यहां एक व्यक्ति ने बेटे की चाह में मानवीय संवेदना और इंसानियत को तार-तार कर दिया था. लेकिन दरिंदा को आज गुनाहों की सजा मिल गई है. बदायूं में पत्नी का हसिये से पेट फाड़ने वाले पति को कोर्ट ने तीन साल बाद आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही कोर्ट ने 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. फिहलाल अब कोर्ट के फैसले से पत्नी खुश हैं. कोर्ट द्वारा पन्नालाल को सजा सुनाई जाने से पत्नी अनीता संतुष्ट है. अनीता ने यह भी बताया कि पन्नालाल ने जब से घटना को अंजाम दिया, तब से वह उससे अलग रह रही है और वह अपनी पांच बेटियों के साथ परचून की दुकान चलाकर जीवनयापन कर रही है.

बदायूं जिले के थाना सिविल लाइन के मोहल्ला नेकपुर गली नंबर 3 में रहने वाले पन्नालाल अपनी पत्नी अनीता का पेट इसलिए फाड़ दिया कि वह देखना चाहता था कि अनीता के गर्भ में पल रहा बच्चा बेटा है या बेटी. घटना 19 सितंबर 2020 की है. घटना वाले दिन अनीता अपने घर पर थी. इसी दौरान उसका पति पन्नालाल नशे की हालत में घर पहुंचा और उससे झगड़ा करने लगा.

अनीता ने बताया कि पन्नालाल यह कहते हुए उसे झगड़ा करने लगा कि उसने अब तक पांच बेटियों को जन्म दिया है और गर्भ में पल रहा पांचवा बच्चा बेटा है या बेटी, उसे पेट फाड़ कर देखना है. जिसको लेकर अनीता और उनकी बेटियों ने विरोध किया. लेकिन पन्नालाल नहीं माना और हंसिए पेट फाड़ दिया. इसके बाद अनीता के गर्भ में पल रहे 8 महीने के बच्चे के पर बाहर निकल आए. परिवार के लोग अनीता को तत्काल अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन वहां से उसे हायर सेंटर रेफर किया गया था, जहां डॉक्टर ने अनीता की तो जान बचा ली. लेकिन अनीता के गर्भ में पल रहे बेटे की मौत हो गई. अनीता का लगभग 8 महीने इलाज चल और पुलिस ने  पन्नालाल के खिलाफ धारा 307, 313 के तहत मामला दर्ज करके आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था.

आरोपी इसी साल मार्च में जमानत पर बाहर आ गया था और अपनी पत्नी अनीता और उसकी बेटियों से समझौते को लेकर मारपीट भी की थी. लेकिन अनीता ने समझौता नहीं किया. पुलिस की पैरवी के चलते 3 साल बाद बदायूं के एफटीसी-1 न्यायालय ने आरोपी पन्नालाल को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास और ₹50000 जमाने की सजा सुनाई. जमाने की राशि अदा न करने पर 6 महीने अतिरिक्त कारावास भुगतने के भी निर्देश दिए हैं. न्यायालय द्वारा पन्नालाल को सजा सुनाई जाने से पत्नी अनीता संतुष्ट है. अनीता ने यह भी बताया कि पन्नालाल ने जब से घटना को अंजाम दिया, तब से वह उससे अलग रह रही है और वह अपनी पांच बेटियों के साथ एक परचूनी की दुकान चलाकर जीवनयापन कर रही है.