महादलित बस्तियों में फैली अंधविस्वास के कारण सैकड़ों लोगों ने किया धर्म परिवर्तन, अपनाया ईसाई धर्म।

इधर धर्म परिवर्तन की सूचना मिलते ही विश्व हिंदू परिषद के कुछ लोग बेलमाताड़ गाँव पहुँचे और धर्म परिवर्तन किए लोगों से अपील किए की वे पुनः अपने हिन्दू धर्म में वापस आ जाएँ, लेकिन लोगों ने उनकी बात नहीं मानी।

महादलित बस्तियों में फैली अंधविस्वास के कारण सैकड़ों लोगों ने किया धर्म परिवर्तन, अपनाया ईसाई धर्म।

गया से श्याम सुंदर की रिपोर्ट

शहर के नगर प्रखंड में नैली पंचायत के बेलवादीह गाँव में महादलितो की बस्ती है। इस बस्ती में सब कुछ ठीक से चल रहा था।अचानक लोगों ने ईसाईयों के द्वारा आयोजित प्रार्थना में जाना शुरू कर दिया और फिर धीरे धीरे पूरी बस्ती के लोगों ने अपना धर्म परिवर्तन कर लिया। यह तब हुआ जब इस बस्ती की महिला केवला देवी के बेटे का अचानक तबियत खराब हो गया और डॉक्टर से इलाज करा कर थक हार चुकी थी। उसके बाद ईसाई धर्म के कुछ लोग उनके गाँव में पहुँचे। घर पर प्रार्थना किया और पानी दिया ।उसके बाद महिला का अस्वस्थ पुत्र स्वस्थ हो गया।इसे देख धीरे धीरे महादलित परिवारों में ईसाई धर्म के प्रति रुचि बढ़ती गयी ।लोग अपनी परेशानी को लेकर उनके पास जाने लगे।इसके बाद पास के गाँव वाजिदपुर में किसी घर मे रविवार को ईसाई धर्म के द्वारा प्रार्थना सभा का आयोजन किया जाता था ।उसी प्रार्थना में सभी महादलित महिला-पुरुष शामिल हो गए और हिन्दू धर्म को त्याग कर ईसाई धर्म को अपना लिया।

धर्म परिवर्तन कर चुकी महिलाएं बताती है कि – “ईसाई धर्म में महिला को सिंदूर नहीं लगानी है। उसके बाद महादलित महिलाएं उसका पालन कर सिंदूर लगाना भी बन्द कर दिया है। महिलाओं ने कहा कि – प्रार्थना में जब जाते है तो स्नान कर बिना ऋँगार व सिंदूर के जाती है । उसके बाद अन्य दिन वह सिंदूर भी लगाती है। किसी ने न तो प्रलोभन दिया न ही किसी ने जबरदस्ती धर्म परिवर्तन के लिए बाध्य किया है, बल्कि उन्होंने स्वेच्छा से हिन्दू धर्म को छोड़कर ईसाई धर्म को अपनाया है।अब हिन्दू देवी देवताओं पर विस्वास नही रहा है इसलिए अब पूजा पाठ भी बन्द कर दिया है।”

गांव के ही धर्म परिवर्तन कर चुकी महादलित महिला सुनीता देवी ने बताया कि- “हमलोग बहुत परेशान थे । कभी बेटा तो कभी बेटी का तबियत ख़राब रहता था । मगर इस धर्म में आने के बाद सब कुछ ठीक हो गया है ।ऐसे भी महादलित होने के कारण कई हिन्दू मंदिरों में जाने पर रोक था ।लेकिन ईसाई धर्म मे ऐसा कुछ नही है ।पहले भी मंदिर में पूजा पाठ नही करते थे अब भी नही करते है।”

इधर धर्म परिवर्तन की सूचना मिलते ही विश्व हिंदू परिषद के कुछ लोग बेलमाताड़ गाँव पहुँचे और धर्म परिवर्तन किए लोगों से अपील किए की वे पुनः अपने हिन्दू धर्म में वापस आ जाएँ, लेकिन लोगों ने उनकी बात नहीं मानी । विश्व हिंदू परिषद के सदस्य प्रेम नाथ टईयां ने बताया कि -इस गाँव मे जो धर्म परिवर्तन किए है वो लोग अन्धविश्वास के कारण किये हैं । इनलोगो का कहना है कि हिन्दू देवी देवताओं में कोई शक्ति नही है,इसलिए हमलोगों ने हिन्दू धर्म को छोड़कर ईसाई धर्म अपनाए हैं । उन्होंने यह भी बताया की उन्हें पुनः हिन्दू धर्म में वापस आने के लिए अपील भी किया जा रहा है । हिन्दू धर्म मे आने के बाद इन लोगो को विश्व हिंदू परिषद के द्वारा रोजगार भी मुहैया कराया जाएगा ।